![](https://media.assettype.com/newslaundry/2025-01-22/fitrg9nn/hindi-thumbnail-1.jpg)
प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. यहां आए बाबाओं के कारनामे और मीडिया की लपकई चर्चा में है. इतने बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाला कोई भी कार्यक्रम खबरिया चैनलों के लिए टीआरपी बटोरने का मौका होते हैं. साथ ही बड़े पैमाने पर पैदा हो रहे यूट्यूबर्स के लिए भी ये धंधा चमकाने का जरिया बन गया है. इस तरह जब एक ही मेले में दो-दो हितधारक स्पर्धा करेंगे तो टकराव भी होगा. साधू, संत, संन्यासी इस बाजार के पहले हितधारक हैं, उनका मीडिया के ताजा हितधारकों से टकराव हुआ और भीषण हुआ.
इसके अलावा पिछले हफ्ते फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के घर में घुसकर एक आदमी ने चाकू से हमला कर दिया. इसके बाद इस देश के खबरिया चैनलों की बांछे खिल उठी. खबरिया चैनलों की दुनिया में एक जुमला मशहूर है- तीन ‘सी’ जहां मिले उसपे खेल जाओ. क्रिकेट, सिनेमा और क्राइम. इस वारदात में एक साथ दो ‘सी’ हाथ लग गए थे, सिनेमा और क्राइम. इसलिए घोघाबसंत मीडिया और उसके हुड़कचुल्लू एंकर एंकराओं की बांछें कुछ ज्यादा ही खिल गईं. इसी पर आधारित है इस हफ्ते ही टिप्पणी.
Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.