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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक के साथ बातचीत में एक खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जब 2019 में पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पालम एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया था. हालांकि, बाद में अधिकारियों से लड़ाई कर वे शहीदों को श्रद्धांजलि देने जा पाए. राहुल गांधी ने 4 साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद ये बात सार्वजनिक तौर पर कही है.
मालूम हो कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में अर्धसैनिक बलों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. जिसमें करीब 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके एक दिन बाद 15 फरवरी को शहीदों के पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचे. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम लोगों ने शहीदों को अंतिम विदाई दी. सत्यपाल मलिक के साथ इंटरव्यू में वे इसी दिन का जिक्र कर रहे थे. तब राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष थे. वे कहते हैं कि उस दिन मुझे काफी बुरा लगा जिस तरह से इस पूरे श्रद्धांजलि समारोह को एक इवेंट की तरह बना दिया गया.
राहुल पूरा वाकया बताते हुए कहते हैं, "मुझे पता लगा कि हमारे जो शहीद हैं, (उनके पार्थिव शरीर) एयरपोर्ट आ रहे हैं तो मैं सीधा एयरपोर्ट गया. हमारी सिक्योरिटी वालों ने मुझे कहा कि आप मत जाइए. मैंने कहा कि मैं जा रहा हूं. मैं एयरपोर्ट चला गया. एयरपोर्ट में उस टाइम मुझे कमरे में बंद कर दिया गया...तो उधर, वो सब शहीद आए थे. आर्मी के लोग थे.. प्रधानमंत्री आ रहे थे और मुझे कमरे में बंद किया हुआ था. मैंने सुरक्षा अधिकारियों से बोला कि आप ऐसे कैसे कर सकते हैं. फिर लड़कर मैं वहां से निकला. ऐसा लगा कि पूरा एक शो क्रिएट हो रहा था."
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने भी शहीदों को श्रदांजलि अर्पित की थी. जिसकी बात वो इंटरव्यू में भी मानते हैं.
Rahul Gandhi revealed a very important thing from the day the Pulwama attack happened.
— Shantanu (@shaandelhite) October 25, 2023
He said, I was locked in the room at the airport when martyrs’ bodies were arriving, I had to fight to get out of the room. The whole set-up was made like an event for Modi.
Satyapal Malik… pic.twitter.com/6lGEKif79z
‘नए संसद भवन की जरूरत नहीं थी’
राहुल गांधी इस बातचीत के दौरान नए संसद भवन को लेकर भी निशाना साधते नजर आते हैं. वे कहते हैं कि नए संसद भवन की जरूरत नहीं थी. सरकार चाहती तो सेंट्रल हॉल को लोकसभा और मौजूदा लोकसभा को राज्यसभा के तौर पर विस्तार देकर इस्तेमाल कर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं करने की बजाए नया भवन बनाया गया. सत्यपाल मलिक भी उनकी इस बात का समर्थन करते नजर आते हैं.
‘ध्यान हटाने की साजिश’
सत्यपाल मलिक ने राहुल से इस बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री किसी भी चीज को एक इवेंट बना देते हैं और उसका अपने पक्ष में इस्तेमाल कर लेते हैं. जैसे कि महिला आरक्षण बिल को देख लें, महिलाओं को फिलहाल कुछ नहीं मिल रहा है लेकिन ऐसे प्रचार किया गया जैसे कि बहुत कुछ मिल गया हो.
अडाणी, मीडिया और ओबीसी पर चर्चा
राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक के इस दौरान उद्योगपति गौतम अडाणी, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और पिछड़ा वर्ग के हकों को लेकर भी बातचीत की.
राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और महात्मा गांधी के हिंदू दर्शन को लेकर भी सत्यपाल से सवाल पूछे. मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं को हिंदू धर्म के बारे में गांधी के विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लेकर जाना चाहिए. राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर ये पूरा इंटरव्यू उपलब्ध है.
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