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बसंत कुमार

मेवात की सालों पुरानी मांग: ‘बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो विकास कैसे होगा'

साल 2018 में नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि नूंह भारत का सबसे पिछड़ा जिला है.  जिसके बाद यहां के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए इसे आकांक्षी जिले में शामिल किया गया. ग्रामीणों की मानें तो आकांक्षी जिले में शामिल होने के बावजूद भी आर्थिक और शैक्षणिक रूप से इस इलाके में खास बदलाव नहीं हुआ. 

हरियाणा प्रदेश में कई विश्वविद्यालय हैं लेकिन इनमें से एक भी नूंह या मेवात इलाके में नहीं है. लोगों की विश्वविद्यालय की मांग लंबे वक्त से चली आ रही है. इस मांग के प्रति सरकार की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2021 में फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान ने नूंह में राजकीय विश्वविद्यालय  को लेकर सवाल किया तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया, ‘‘नूंह में एक राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है. उक्त  विश्वविद्यालय के लिए भूमि की तलाश और हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद इसकी व्यवहार्यता की जांच कर रहा है.”

ठीक दो साल बाद मार्च 2023 में यही सवाल सोहना से बीजेपी के विधायक संजय ने विधानसभा में  पूछा और उसका जवाब उच्चर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने दिया. उन्होंने कहा, ‘‘नूहं में एक विश्वविद्यालय को अधिसूचित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है.’’

फिरजपुर झिरका से नूंह आने वाली पुरानी सड़क पर एक गांव पड़ता है कंकड़ खेड़ी. यहीं एक चाय की दुकान पर हमारी मुलाकात मोहम्मद अकबर से हुई. वो कहते हैं, ‘‘यह हरियाणा का अकेला मुस्लिम इलाका है. इसलिए यहां विकास काम नहीं होता. द्वेष है. अगर कोई बच्चा अनपढ़ है तो वो चोरी सीखेगा या नशाखोरी सीखेगा नहीं तो ड्राइवर का काम करेगा. शिक्षित लोग ही न विकास करते हैं. अनपढ़ लोग तो विकास नहीं करते हैं.’’

अकबर आगे कहते हैं, ‘‘हमारा मुख्य मुद्दा शिक्षा व्यवस्था को ठीक करना है. सड़क तो बन ही जाएगी आज नहीं तो कल. विश्वविद्यालय की मांग हम भजनलाल सरकार के समय से कर रहे हैं. उसके बाद हुड्डा आए और अब बीजेपी, किसी ने हमारी बात नहीं सुनी. हमारे लड़के भटक रहे हैं.’’  

बीजेपी के नेता नूंह से होकर जा रहे मुंबई-दिल्ली हाईवे को नूंह के विकास के तौर पर गिनाते हैं लेकिन यहां के लोग व्यंग्य के लहजे में कहते हैं, ‘‘उससे हमें क्या फायदा है. वो मोदीजी ने गुजरात के लोगों के लिए बनवाया है. यह सड़क सीधे वड़ोदरा को जाती है. हम इस पुरानी दिल्ली रो का इस्तेमाल करते हैं. लोग इसे खूनी सड़क भी कहते हैं. दरअसल, यहां आए दिन कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है.’’

फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक मामन खान को उम्मीदवार बनाया है तो बीजेपी ने नसीम अहमद को. अहमद दो बार इनेलो से विधायक रह चुके हैं. साल 2019 में भी बीजेपी से चुनावी मैदान में थे. हालांकि, उन्हें काफी बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.

हमने अपनी बातचीत में लोग से उनके बाकी मुद्दों जैसे पानी, रोजगार आदि पर भी सवाल पूछे. सुनिए उन्होंने क्या कहा. 

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