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अवधेश कुमार

मेनस्ट्रीम मीडिया छोड़ यूट्यूबर्स और पॉडकास्टर्स से गलबहियां कर रही केजरीवाल की टीम

दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रचार दिनों-दिनों उरुज़ पर है. ऐसे में हर पार्टी का नेता चाहता है कि उसकी बात जन-जन तक पहुंचे. इसके लिए नेता प्रचार प्रसार के अलग-अलग तरीके निकाल रहे हैं. दिल्ली चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) में माना जा रहा है. एक तरफ दिल्ली के चौक चौराहों से लेकर सोशल मीडिया तक ‘पोस्टर वार’ चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस चुनाव में ‘प्रोपगेंडा पॉडकास्ट’ जैसे शब्द सुनाई देने लगे हैं. ये ऐसे इंटरव्यू या पॉडकास्ट हैं, जिनमें नेताओं की सुविधा और सलाह पर सवाल पूछे जाते हैं. फिलहाल, इस मामले में आम आदमी पार्टी सबसे आगे नजर आ रही है. 

बीते कुछ दिनों में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी नेताओं से जुड़े वीडियो इंटरव्यू और पॉडकास्ट की बाढ़ सी आ गई है. हमने जानने की कोशिश की कि क्या इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति है या ये यूट्यूबर्स अपनी मर्जी से ऐसा कर रहे हैं.  

अरविंद केजरीवाल की बात करें तो वह अब तक आर्टिकल 19 के नवीन कुमार, प्रखर के प्रवचन के प्रखर गुप्ता, राज शमानी और 4PM के संजय शर्मा को इंटरव्यू दे चुके हैं. 

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने श्रद्धा एमएच वन भक्ति चैनल को भी इंटरव्यू दिया है. चैनल की एंकर मोलिका शर्मा ने आधे घंटे से ज्यादा तक अरविंद केजरीवाल से इस इंटरव्यू में बातचीत की है.

इस भक्ति चैनल पर विभिन्न देवताओं की लाइव आरती, कथा, भजन और आध्यात्मिक प्रवचन दिखाए जाते हैं. चैनल की प्रोफाइल के मुताबिक, 2007 में इसे लॉन्च किया गया था. चैनल को देखने पर लगता है कि यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक व्यक्ति को इस चैनल पर इस तरह से इंटरव्यू देने का मौका मिला है.  

आम आदमी पार्टी ने इस इंटरव्यू के कई हिस्सों को अपने ट्विटर पर भी साझा किया है. एक में वे पुजारियों को 18 हजार रुपए देने का जिक्र कर रहे हैं.

तो ऐसा क्या है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम यूट्यूबर्स यहां तक कि भक्ति चैनलों को इंटरव्यू दे रही है लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया से फिलहाल कन्नी काटती नजर आ रही है. 

इस सवाल का जवाब एक यूट्यूब चैनल के रिपोर्टर नाम नहीं छापने की शर्त पर देते हैं. वे कहते हैं, “आम आदमी पार्टी ने यूट्यूबर्स के कई जत्थों से साथ मीटिंग की है. इनमें से एक जत्थे में वह भी शामिल हुए थे. इस दौरान कई पत्रकारों से इंटरव्यू तो कई के साथ पब्लिक ओपिनियन के वीडियो करने की डील हुई. अभी जो यूट्यूब चैनल कर रहे हैं, वह उसी डील का हिस्सा है.” 

वह कहते हैं, “जिस मीटिंग में वे मौजूद थे, उसमें आप नेताओं ने साफ कहा था कि आप हमारा सहयोग कीजिए हम आपका सहयोग करेंगे. जिस जत्थे में उन्हें न्यौता दिया गया था, उसमें 8 यूट्यूबर शामिल हुए थे.”

वे कहते हैं कि किसी को प्रति वीडियो के हिसाब से तो किसी के सब्सक्राइबर्स देखकर, एक फिक्स अमाउंट के साथ डील हो रही है. 

इस बात की पुष्टि सुशील कुमार भी करते हैं, उनका न्यूज़ चैप्टर नाम से एक यूट्यूब चैनल है. उनके अभी 15 हजार के करीब सब्सक्राइबर्स हैं. किसी के जरिए उनसे भी आम आदमी पार्टी ने संपर्क किया. हालांकि, उनका कहना है कि सब्सक्राइबर्स कम होने के चलते बात नहीं बनी, इसके लिए चैनल पर कम से कम एक लाख सब्सक्राइबर्स होना जरूरी है. उनकी कोई डील नहीं हो पाई. 

वे कहते हैं, “मेरा इससे पहले एक और चैनल था. उस पर पांच लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर थे, लेकिन किन्हीं कारणों से वह डिलीट हो गया. मेरी उसी चैनल को ध्यान में रखते हुए ही शायद पार्टी ने संपर्क किया था.” 

इसी तरह गुलफाम एसएन न्यूज़ दिल्ली नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं. उन्हें किसी कंपनी द्वारा एक मेल किया गया. कहा गया था कि वे चुनाव में उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. मेल में एक नंबर भी लिखा था.

गुलफाम बताते हैं कि उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया तो एक महिला ने उनसे बात की. वो मेल का जिक्र करते हैं तो महिला ने कहा कि आप यूट्यूबर हैं तो हम आपको आम आदमी पाटी के साथ काम करने का मौका दे रहे हैं. हम आपकी मदद करेंगे और आप अपने चैनल पर आम आदमी पार्टी का प्रमोशन कीजिए. 

गुलफाम बताते हैं कि जब हमने उनसे पूछा कि क्या करना होगा तो महिला ने कहा कि आपको जल्दी ही मीटिंग के लिए बुलाया जाएगा, उसी में सभी बातों पर बातचीत होगी.

14 फरवरी में भी गुलफाम ने दोबारा से उस महिला को कॉल किया तो उन्होंने कहा कि जल्दी ही मीटिंग होगी तो हम आपको बुलाएंगे. 

गुलफाम द्वारा दिए नंबर पर जब हमने कॉल किया तो वह यूट्यूबर्स को किए गए मेल की बात को स्वीकार करती हैं लेकिन वह सिर्फ इतना ही कहती हैं कि आगे बात होती है तो वे मेल से नंबर उठाकर उनको कॉल कर लेंगी. 

वे अपना नाम इशिता बताती हैं. हालांकि, आगे किसी भी सवाल का जवाब नहीं देती हैं और आगे बात भी करने से इनकार कर देती हैं. वे फ्री होकर कॉल करने को करती हैं और फोन कट कर देती हैं. अगर हमारी उनसे आगे कुछ बातचीत होती है तो हम इस खबर को अपडेट करेंगे.

यूट्यूबर्स को ‘आप’ के पक्ष में माहौल बनाने का टारगेट 

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक यूट्यूबर करते हैं, “कुछ यूट्यूबर्स से आम आदमी पार्टी पब्लिक सर्वे करा रही है. इसके तहत उन्हें फील्ड में जानकर लोगों से बात करनी है और आम आदमी पार्टी की तारीफ वाले वीडियो लाने हैं. अगर इस बीच कोई आम आदमी पार्टी की बुराई कर देता है तो वह वीडियो से कट कर दिया जाएगा. ऐसा करके आम आदमी पार्टी अपने पक्ष में माहौल बना रही है.”

ऐसा करने पर पार्टी यूट्यूबर्स की मदद भी कर रही है. फील्ड में जाकर यूट्यूबर क्या सवाल पूछेंगे, यह भी आम आदमी पार्टी ही तैयार करके दे रही है. इनमें से कुछेख सवाल ऐसे हैं- 

सवाल-1 आपको कैसा मुख्यमंत्री चाहिए, गालीबाज या ईमानदार? मालूम हो कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में इसी नारे के पोस्टर भी लगाए हैं.

सवाल-2  भाजपा और कांग्रेस पार्टी अपने सीएम उम्मीदवार का नाम क्यों नहीं बता रही है?

सवाल-3 महिलाओं को 2100 रुपए देगी आम आदमी पार्टी की सरकार? 

क्या इन्हीं सवालों के साथ कोई यूट्यूबर वीडियो लेकर आएगा.. इस पर हमारी नजर बनी रहेगी. 

दलित और मुस्लिम यूट्यूबर्स से के जरिए नैरेटिव साधने की कोशिश

ऐसा नहीं है कि आम आदमी पार्टी पत्रकारों, पॉडकास्टर्स और भक्ति चैनल तक ही सीमित है. इससे पहले वह अंबेडकर के मुद्दे को लेकर एक ऐसा प्रयोग कर चुकी है. जिसमें उसने दलित-मुस्लिम यूट्यूबर्स से संपर्क किया और अंबेडकर को लेकर चल रहे विवाद पर नैरैटिव साधने की कोशिश की.  

दरअसल, उस विवाद की शुरुआत 17 दिसंबर से हुई. जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा, "अभी एक फ़ैशन हो गया है.. अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."

इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बना लिया. जहां काग्रेस, बीएसपी और सपा ने इसके विरोध में सड़कों पर आंदोलन किया. वहीं अरविंद केजरीवाल ने अपने आप को अंबेडकर का सच्चा भक्त बताया. 

वहीं, अरिवंद केजरीवाल ने दलित और मुस्लिम यूट्यूबर्स से संपर्क साधा और उन्हें दलितों के मुद्दों पर इंटरव्यू भी दिया. इस क्रम में उनके कई इंटरव्यू प्रकाशित हुए. 

हैरानी की बात है कि इनमें कई इंटरव्यू तो ऐसे हैं जैसे पत्रकार को सवालों की सूची पहले ही थमा दी गई हो. यूट्यूबर केजरीवाल से एक ही जैसे सवाल कर रहे हैं और उनका जवाब भी एक जैसा ही है. 

नेशनल दस्तक (10.2 मिलियन)

इनके वीडियो देखकर लगता है कि यह इंटरव्यू एक ही दिन और एक ही जगह पर रिकॉर्ड हुआ है. नेशनल दस्तक को दिए 10 मिनट के इंटरव्यू में रिपोर्टर रंजय कुमार केजरीवाल से तीन सवाल पूछते हैं. उनके तीनों ही सवाल बाबा साहेब और दलित समाज के इर्द गिर्द हैं. 

पहला सवाल पूछते हैं- “सर, जिस प्रकार से सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर कहा की बाबासाहेब का नाम लेना फैशन हो गया है, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मो का स्वर्ग प्राप्त हो जाता. तो क्या कहना चाहेंगे?”

दूसरा सवाल- "सर, ऐसे तो मोदी साहेब भारत के संविधान को माथे से लगाएंगे लेकिन बीजेपी कोई मौका नहीं चूकती जब भी बाबा साहेब का अपमान हो इस पर क्या कहना चाहेंगे?”

तीसरा सवाल- “आप की सरकार पिछले 10-11 सालों से है, तो आप लोगों ने क्या किया है इस समाज के लिए?"

बाकी ज्यादातर यूट्यूबर्स ने भी अरविंद केजरीवाल से यही सवाल पूछे हैं. अब इसे इत्तेफाक कहें या फिर प्लानिंग ये सब आप पर छोड़ते हैं.

नेशनल दस्तक ने इस वीडियो को अपने चैनल पर 21 दिसंबर को पब्लिश किया है जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस इंटरव्यू को 22 दिसंबर 2024 को पब्लिश किया है. इसकी एक क्लिप आप ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर भी शेयर की.

द जनता लाइव (4.23M)

द जनता लाइव यूट्यूब चैनल पर अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू 21 दिसंबर को पब्लिश हुआ है. जबकि आम आदमी पार्टी ने इसे 23 दिसंबर को अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है. रिपोर्टर नलिनी अरविंद केजरीवाल से इस इंटरव्यू में सिर्फ दो ही सवाल पूछती हैं. उनका पहला सवाल अमित शाह द्वारा भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर है जबकि दूसरा सवाल दलितों को लेकर है कि आम आदमी पार्टी ने दलितों के लिए क्या किया.

NUBT News (1.7 M)

एनयूबीटी ने इस इंटरव्यू को अपने चैनल पर 21 दिसंबर को पब्लिश किया है. रिपोर्टर ज्योतिष चौहान भी सबसे पहले यही सवाल करते हैं कि अमित शाह ने अंबेडकर को लेकर जो बयान दिया है, उस पर आप क्या कहेंगे?

10 मिनट के इस इंटरव्यू में उनका दूसरा सवाल भी वही है जो उपरोक्त रिपोर्टर ने पूछा है कि आपने 10 साल में दलितों के लिए क्या किया? हालांकि उन्होंने इसके अलावा दो अन्य सवाल भी किए. 

पल पल न्यूज़ (2.39M)

पल पल न्यूज़ पर 21 दिसंबर को अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू पब्लिश हुआ है. रिपोर्टर खुशबू अख्तर ने भी पहला सवाल अमित शाह की अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर ही किया है. दूसरा सवाल भी उनका वही है, जो बाकी रिपोर्टर ने पूछा है कि आप ने दलितों के लिए क्या किया. इसके अलावा वे इसी के इर्द गिर्द एक और सवाल करती हैं. 

Bolta Hindustan (490K)

बोलता हिंदुस्तान नाम के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो 22 दिसंबर को पब्लिश हुआ. अन्य की तरह ही यहां भी रिपोर्टर ने पहला सवाल अमित शाह की बाबा साहेब पर की गई टिप्पणी को लेकर किया गया. जबकि दूसरा सवाल भी बाकियों की तरह वही है कि आपने दलितों के लिए क्या किया?

यही नहीं ऐसे तमाम यूट्यूबर्स को आम आदमी पार्टी की ओर से फोन किए गए हैं जिनसे अरविंद केजरीवाल के इंटरव्यू करने की गुजारिश की गई है. इनमें कई ने इंटरव्यू कर लिए हैं जबकि कई इंटरव्यू अभी प्रोसेस में हैं.

ऐसे ही एक यूट्यूबर ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “उन्हें एक दलित पत्रकार के तौर पर आम आदमी पार्टी की ओर से फोन आया था. फोन करने वाले शख्स ने अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू करने की गुजारिश की. साथ ही उन्होंने कहा कि हम आपकी सपोर्ट भी करेंगे. यकीनन उनका ये इशारा कुछ रुपयों की ओर था. इस दौरान फोन करने वाले ने कहा कि आपको इंटरव्यू में कड़े सवाल नहीं पूछने हैं.” हालांकि अभी तक यह इंटरव्यू नहीं हुआ है. 

वहीं, एक अन्य दलित यूट्यूबर ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्हें भी आम आदमी पार्टी की ओर से फोन आया था और उनसे अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू करने की गुजारिश की. वो कह रहे थे कि हम सपोर्ट करेंगे आप अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू कीजिए हम आपका सपोर्ट करेंगे. हालांकि, उन्होंने बात करने से मना कर दिया और कहा कि मैं आपको नहीं जानता हूं, इसलिए जो भी बात करनी है मिलकर करिए.

इन दोनों यूट्यूबर को आम आदमी पार्टी की ओर से मुकेश और आशुतोष कन्नोजिया नामक व्यक्तियों ने फोन किया था. उपरोक्त दोनों ही यूट्यूबर ने हमें फोन करने वालों का नंबर साझा किया है. हमने उन नंबरों पर फोन कर इस पूरे इंटरव्यू प्रोसेस को समझने की कोशिश की.

जब हमने आशुतोष कन्नोजिया को फोन किया तो वे कहते हैं कि मुझे इस बारे में कोई आइडिया नहीं है. 

आपने इंटरव्यू के लिए कुछ लोगों को कॉल किया था? इस सवाल पर वे कहते हैं कि हो सकता है पहले किया हो. 

वे आगे कहते हैं कि मैं आम आदमी पार्टी में नहीं हूं. मेरा एक दोस्त है जो वहां डिजिटल विंग लीड करता है. उसके लिए मैंने कॉल किया था. मेरे दोस्त ने ही मुझसे कहा था कि यूट्यूब चैनल के लिए कुछ इंटरव्यू चाहिए थे. तो उसी के लिए मैंने संपर्क किया था. अब पता नहीं आपको मेरा नंबर किसने दिया.

वे अपने आपको पॉलिटिकल कंसलटेंट बताते हैं लेकिन ये बताने से इनकार कर देते हैं कि वे किस पार्टी के लिए काम करते हैं. वे आखिर में जोड़ते हैं कि ये बात ही गलत है कि मैं आम आदमी पाटी के लिए काम करता हूं.   

वहीं, जब हमने मुकेश से सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल जी का इंटरव्यू के लिए क्या प्रोसेस है तो उन्होंने कहा कि मैं यह सब नहीं देखता हूं. 

जब हमने उनसे पूछा कि आपने इंटरव्यू के लिए कुछ यूट्यूबर्स को फोन किया है तो वह इससे भी मुकर जाते हैं और कहते हैं कि मैंने किसी को कॉल नहीं किया है. वे आगे कहते हैं न मैंने किसी को कॉल किया है और न ही मैं आम आदमी पार्टी में हूं. आप रॉन्ग नंबर पर कॉल कर रहे हैं. हालांकि, बाद में वह कहते हैं कि जब आपको सब पता है तो क्यों पूछ रहे हैं. 

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