विदेशी धन प्राप्त कर भारत विरोधी प्रचार करने के मामले में समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने कथित तौर पर सरकारी गवाह बनने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया है.
यह बात तब सामने आई है, जब कुछ दिनों पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को अपनी जांच पूरी करने के लिए जेल में बंद न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत में 60 दिन का विस्तार करने की मंजूरी दी थी.
पिछले हफ्ते न्यूज़क्लिक ने अपने बैंक खातों को जब्त करने को “प्रशासनिक-कानूनी घेराबंदी” करार दिया था. एक बयान में, समाचार संगठन ने कहा कि वह 18 दिसंबर की शाम से कोई भी बैंक भुगतान करने में असमर्थ है. यह भी कहा कि इससे समाचार पोर्टल की प्रशासनिक-कानूनी घेराबंदी की निरंतरता प्रतीत होती है, जो प्रवर्तन निदेशालय के साथ शुरू हुई थी. फरवरी 2021 में छापे, उसके बाद सितंबर 2021 में आईटी विभाग का सर्वेक्षण और 3 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा कार्रवाई की गई.
न्यूज़क्लिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों का बार-बार खंडन किया है. मंगलवार को इसके बयान में कहा गया कि न्यूज़क्लिक ने हमेशा सभी कर नियमों सहित देश के कानूनों का अनुपालन किया है. आयकर विभाग द्वारा लगाए गए आरोप बिना किसी आधार के हैं.
मालूम हो कि प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को 3 अक्टूबर को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था, जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने आरोप लगाया था कि न्यूज़क्लिक अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम द्वारा वित्त पोषित चीनी प्रचार आउटलेट्स में से एक था. बाद में, चार पन्नों के खंडन में, सिंघम ने न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख को “भ्रामक” और “आलोचना से भरा लेख” कहा था.
दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक से जुड़े लगभग 50 पत्रकारों से पूछताछ की थी और गिरफ्तारी के बाद उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया था.
न्यूज़लॉन्ड्री ने पहले रिपोर्ट की थी कि कार्यालय सील होने और पत्रकारों के उपकरण जब्त होने के बाद, समाचार पोर्टल उधार के उपकरणों के साथ कार्य करने के लिए संघर्ष कर रहा है. इसके बारे में यहां पढ़ें.
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