Get all your news in one place.
100’s of premium titles.
One app.
Start reading
Newslaundry
Newslaundry
बसंत कुमार

ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली की रिजर्व सीटों पर विकास का हाल, दलित वोटरों का किस तरफ झुकाव

लोकसभा सत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब अंबेडकर को लेकर एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि आजकल अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन हो गया है. अगर इतना भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिल जाता. इसके आगे भी अमित शाह ने अंबेडकर को लेकर कई बातें की लेकिन विपक्षी दलों ने इसपर नाराजगी जाहिर की. 

आम आदमी पार्टी (आप) ने तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) पर ताबड़तोड़ हमले किए. इस आक्रामकता के पीछे आप की रणनीति क्या थी. यह अंबेडकर से प्रेम था या दिल्ली विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को लुभाने की चाह? `

गौरतलब है कि दिल्ली में विधानसभा की 12 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए रिज़र्व यानि आरक्षित हैं. साल 1993 में भाजपा दिल्ली की सत्ता में आई थी. उस वक़्त रिजर्व सीटों की संख्या 13 थी. उनमें से आठ भाजपा और पांच कांग्रेस ने जीती थीं. साल 1998 में हुए चुनाव में सभी रिजर्व सीटें कांग्रेस की झोली में गई. 

2003 में 13 सीटों में से ग्यारह कांग्रेस और 2 भाजपा जीती. इसके बाद 2008 के विधानसभा में रिजर्व सीटों की संख्या घटाकर 12 कर दी गई. इनमें से 9 कांग्रेस जीती, दो भाजपा और एक गोकुलपुरी की सीट बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) ने जीती थी. 

कभी सभी रिजर्व सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2013 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर सिमट गई. वहीं इस बार भाजपा को दो सीटें मिली. 9 सीटें आम आदमी पार्टी (आप) ने जीती.  दो साल बाद 2015 और फिर 2020 में विधानसभा के चुनावों में ‘आप’ की प्रचंड लहर रही. दोनों चुनावों में सभी रिजर्व सीटों पर ‘आप’ ने जीत दर्ज की. 

आंकड़े बताते हैं कि रिजर्व सीटें जीतने वाले दल ही दिल्ली की सत्ता में आए हैं. इस बार भी तीनों प्रमुख राजनीति दल भाजपा, कांग्रेस और ‘आप’ की नज़र रिजर्व सीटों पर है.  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तो दिल्ली का चुनाव लड़ती रही है लेकिन इस बार चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व वाली आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) भी कई विधानसभाओं में किस्मत आजमा रही है. 

लेकिन इस सब पार्टियों के मुकाबले के बीच दलित वोटर क्या सोच रहे हैं? जिन इलाकों में दलित वोटर रहते हैं, वहां विकास के कितने काम हुए हैं? उनका जीवन कितना बेहतर हुआ है? यह जानने के लिए हम पूर्वी दिल्ली की रिजर्व सीट त्रिलोकपुरी और कोंडली गए.

देखिए इन सीटों से न्यूजलॉन्ड्री की ग्राउंड रिपोर्ट-

Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.

Sign up to read this article
Read news from 100’s of titles, curated specifically for you.
Already a member? Sign in here
Related Stories
Top stories on inkl right now
Our Picks
Fourteen days free
Download the app
One app. One membership.
100+ trusted global sources.