दिल्ली स्थित साकेत की एक अदालत ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं. राणा के खिलाफ यह आदेश दिल्ली हाईकोर्ट की एक वकील अमिता सचदेव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए गए हैं. अमिता ने अपनी याचिका में राणा द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट्स में हिन्दू देवी देवताओं के अपमान और भारत विरोधी भावनाएं फैलाने के आरोप लगाए गए हैं. कथित तौर पर अय्यूब द्वारा यह पोस्ट्स कई साल पहले किए गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पोस्ट्स साल 2013 से 2022 के बीच राणा अय्यूब द्वारा की गई हैं. अमिता सचदेवा नामक वकील ने बीते साल नवंबर में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अय्यूब के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी.
सचदेवा ने अय्यूब पर भगवान “राम का अपमान”, “रावण की महिमा”, “सावरकर का अपमान” समेत कई सारे आरोप लगाए हैं. जब दिल्ली पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की तो उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 156(3) के तहत एफआईआर के लिए अदालत में याचिका दायर की.
लाइव लॉ के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह ने कहा कि अय्यूब के खिलाफ "प्रथम दृष्टया" आपराधिक मामला बन रहा है. उन्होंने दिल्ली साइबर सेल को मामला दर्ज कर निष्पक्षता से इसकी जांच करने के आदेश दिए हैं.
ध्यान देने वाली बात यह है कि अमिता सचदेवा वही शिकायतकर्ता हैं, जिन्होंने एम. एफ़. हुसैन की कुछ कलाकृतियों को आपत्तिजनक बताया था.
न्यूज़लॉन्ड्री के साथ 2016 के इस इंटरव्यू में अय्यूब ने अपनी पुस्तक गुजरात फाइल्स को प्रकाशित करवाने के दौरान किए अपने संघर्ष के बारे में बात की थी.
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