चुनाव आयोग ने बीते दिवस कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को तेलंगाना के संस्करणों में प्रकाशित उसकी उपलब्धियों और कल्याणकारी योजनाओं वाले विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने को कहा है.
मालूम हो कि ये विज्ञापन 24 से 27 नवंबर के बीच कुछ अख़बारों हैदराबाद संस्करण में दिखाई दिए थे. जिसके बाद राज्य की भारतीय जनता पार्टी और भारत राष्ट्र समिति ने इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत दी थी.
आयोग ने जांच के दौरान इसे आचार संहिता का उल्लंघन पाया और इस संबंध में कर्नाटक सरकार को पत्र जारी किया.
चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक के मुख्य सचिव को जारी पत्र में कहा गया है, “उनके अक्टूबर में दिए आदेशानुसार जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां की सरकारों को चुनाव होने वाले राज्यों में अख़बारों में प्रचार करने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी.”
कर्नाटक सरकार के इस प्रचार को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने यह भी कहा, “जांच में पाया गया है कि विज्ञापनों को प्रकाशन से पहले कोई मंजूरी नहीं ली गई थी और न ही कर्नाटक राज्य से ऐसा कोई आवेदन लंबित मिला है.”
इसके साथ ही आयोग ने सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए बिना मंजूरी के विज्ञापनों पर तत्काल रोक लगाने को कहा है.
इससे पहले भी चुनाव आयोग ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से भी समाचार के रूप में दिखने वाले विज्ञापनों को प्रकाशित करने का कारण पूछते हुए पत्र जारी किया था. इस विषय के बारे में ज्यादा जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.
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