
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह इंडिया अहेड चैनल और आंध्र प्रभा के ऑफिस पर छापा मारा. खबर लिखे जाने तक ईडी की टीम चैनल के दफ्तर में मौजूद थी.
ईडी के एक अधिकारी ने छापेमारी की पुष्टि न्यूज़लॉन्ड्री से की है. अधिकारी ने बताया कि, यह छापेमारी सुबह से जारी है. हालांकि चैनल के तरफ से अभी तक इस छापे को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह छापेमारी कंपनी के सेल्स और मार्केटिंग प्रेसिडेंट अर्जुन पांडेय को लेकर है? इस पर ईडी के अधिकारी ने कहा कि ‘यह चैनल पर छापा है.’ वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल ने ट्वीट कर बताया कि ईडी ने चैनल के ऑफिस पर छापेमारी की है.
दिल्ली के शराब घोटाले मामले में ED ने एक न्यूज़ चैनल के दफ़्तर में रेड की है।
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) October 7, 2022
बता दें कि अर्जुन पांडेय का नाम दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में आ चुका है. आरोप है कि अर्जुन ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से विजय नायर के कहने पर पैसे लिए थे. गौरतलब है कि ईडी ने आज दिल्ली और पंजाब में करीब 35 जगहों पर छापेमारी की है. आबकारी नीति के मामले में ईडी ने शराब के कारोबारी समीर महेंद्रू को भी गिरफ्तार किया था.
ईडी की इस छापेमारी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, “500 से ज़्यादा छापे, 3 महीनों से CBI/ED के 300 से ज़्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूत ढूंढने के लिए. कुछ नहीं मिल रहा. क्योंकि कुछ किया ही नहीं. अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है. ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?”
500 से ज़्यादा रेड, 3 महीनों से CBI/ED के 300 से ज़्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ सबूत ढूँढने के लिए। कुछ नहीं मिल रहा। क्योंकि कुछ किया ही नहीं
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 7, 2022
अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है। ऐसे देश कैसे तरक़्क़ी करेगा? https://t.co/VN3AMc6TUd
इंडिया अहेड के एडिटर इन चीफ भूपेंद्र चौबे ने न्यूज़लॉन्ड्री से ईडी के छापेमारी से इंकार किया है. एडिटर इन चीफ भूपेंद्र चौबे ने कहा, “हमारे दफ्तर पर ईडी का कोई छापा नहीं पड़ा है. मैं खुद दफ्तर में बैठा हूं आप आकर देख सकते हैं.”
न्यूज़लॉन्ड्री ने अर्जुन पांडेय से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया.
वहीं अर्जुन पांडेय को लेकर भूपेंद्र चौबे ने बताया कि वह अब उनके संस्थान में काम नहीं करते, उन्होंने दो महीने पहले इस्तीफा दे दिया था.
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