
न्यूज़लॉन्ड्री के पत्रकार प्रतीक गोयल को निडर पत्रकारिता के लिए दिल्ली प्रेस क्लब की ओर से विश्वनाथ पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. यह पुरस्कार 21 मार्च को दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा. समारोह में न्यायमूर्ति एस मुरलीधर बी.जी. वर्गीज मेमोरियल लेक्चर भी देंगे.
प्रतीक के अलावा द क्विंट से आकृति हांडा, द प्रिंट से बिस्मी तस्कीन, द रिपोर्टर्स कलेक्टिव से गिरीश जलिहाल और स्क्रॉल से रोकीबुज ज़मान को भी इस पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.
मालूम हो कि दिल्ली प्रेस क्लब के संस्थापक विश्वनाथ की याद में मीडिया फाउंडेशन ने इसी साल ये नया पत्रकारिता पुरस्कार शुरू किया है. प्रतीक गोयल को पॉलिटिकल फंडिंग पर की गई रिपोर्टिंग लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.
THE MEDIA FOUNDATION AWARDS
— The Media Foundation (@FreeMedia_In) March 18, 2025
Vishwa Nath-Delhi Press Award for Fearless Journalism, 2024
Nominees | Shortlist
Aakriti Handa | The Quint
Bismee Taskin | The Print
Gireesh Jalihal | Reporters' Collective
Prateek Goyal | Newslaundry
Rokibuz Zaman | Scroll pic.twitter.com/MWZcefAEur
मीडिया फाउंडेशन की ओर से अन्य पुरस्कार
मीडिया फाउंडेशन की स्थापना 1979 में आपातकाल के बाद भारत में “प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा” के लिए की गई थी. इसके तहत 21 मार्च को होने वाले कार्यक्रम में दो अन्य पत्रकारिता पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे.
स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक चमेली देवी जैन के नाम पर चमेली देवी जैन पुरस्कार महिला पत्रकारों पर केंद्रित अवॉर्ड है. साल 2024 के लिए नामांकित लोगों में बीबीसी की दिव्या आर्य, कारवां की जतिंदर कौर तूर, इंडियास्पेंड की नुशाइबा इकबाल, द माइग्रेशन स्टोरी की रोली श्रीवास्तव, द वायर की सुकन्या शांता और द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की तपस्या शामिल हैं.
वहीं, कमला मंकेकर पुरस्कार को जेंडर बेस्ड मुद्दों पर उत्कृष्ट पत्रकारीय काम को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया है. इसके साल 2024 के लिए नामांकित पत्रकारों में इंडिया स्पेंड की नुशैबा इक़बाल, भेहनबॉक्स से प्रियंका टुपे, सिटीजन मैटर्स से शोभना राधाकृष्णन, द रिपोर्टर्स कलेक्टिव से तपस्या, और स्वतंत्र पत्रकार मेकपीस सिथलोह, संकेत जैन, और सौंम्या कालिया शामिल हैं.
ये अवॉर्ड “खास तौर पर सत्य को उजागर करने, राजनीतिक, सामाजिक, व्यावसायिक या सांस्कृतिक क्षेत्रों में सत्ता को चुनौती देने, रूढ़िवादिता पर सवाल उठाने और जनता के जानने के अधिकार को कायम रखने के लिए निडर प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए दिए जाते हैं.”
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