सर्वोच्च न्यायालय ने डिजिटल उपकरणों की जांच और जब्ती संबंधित दिशा निर्देश बनाने के लिए केंद्र सरकार को अगले 6 हफ्तों का वक्त दिया है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये आदेश जारी किए. साथ ही तब तक पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को डिजिटल उपकरणों की जांच और जब्ती के लिए सीबीआई मैनुअल का पालन करने को कहा है.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने केंद्र द्वारा 2021 से दिशानिर्देश तैयार करने में देरी होने पर चिंता व्यक्त की और समय सीमा पर भी सवाल उठाए.
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत से दिशा निर्देश बनाने के लिए तीन महीने की मोहलत मांगी. हालांकि, कोर्ट एक महीने से ज्यादा का वक्त नहीं देना चाहता था. जिसके बाद 6 हफ्तों यानि डेढ़ महीने पर सहमति बन गई.
इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस दौरान “केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मैनुअल का पालन करना एक अंतरिम समाधान हो सकता है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि उपकरणों की तलाशी के दौरान कम से कम कुछ तो नियम अपनाया गया है.”
इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी.
मालूम हो कि दो जनहित याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से ऐसे दिशा निर्देशों को लेकर मांग की गई थी. इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरुवार को ये आदेश जारी किए. इनमें से एक याचिका फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स द्वारा दायर की गई है और दूसरी पांच शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दायर की गई है.
इन याचिकाओं में कहा गया है कि जब डिजिटल उपकरणों को जब्त करने की बात आती है, तो जांच एजेंसियां पूरी तरह बेलगाम हो कर शक्तियों का प्रयोग करती हैं. साथ ही इन उपकरणों में “एक नागरिक के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन से जुड़ी बहुत सी जानकारियां शामिल होती हैं.”
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