जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अश्विनी यादव बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी) मामले में एक फैसला सुनाया. फैसले में एनजीटी ने यमुना के प्रदूषण को लेकर एक (उच्च स्तरीय कमेटी) हाई लेवल कमेटी का गठन किया. साथ ही दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर यानि एलजी विनय कुमार सक्सेना को इसका चेयरपर्सन बनाया.
जनवरी 2023 से लेकर अब तक इस कमेटी की बैठकें हो चुकी हैं. इसकी पहली बैठक जनवरी 2023 में और आखिरी अगस्त 2024 में हुई. न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा दायर आरटीआई से पता चला कि एलजी सक्सेना इनमें से सिर्फ 5 बैठकों में शामिल हुए.
कमेटी की पहली बैठक में यमुना की सफाई और कायाकल्प के लिए 7 (बिंदुओं) पॉइंट्स का एक्शन प्लान बनाया गया. इस रिपोर्ट में हम इन सात में से तीन बिंदुओं का रियलिटी चेक कर रहे हैं. जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर एलजी के कमान संभालने के बाद यमुना की सफाई का काम कहां तक पहुंचा. एलजी विनय सक्सेना ने अप्रैल 2023 में कहा था कि जून 2023 तक यमुना साफ हो जाएगी तो उस वादे का क्या हुआ?
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.
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