
15 फरवरी को इंडियन एक्सप्रेस और हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार ने एक ख़बर प्रकाशित की. जिसमें दावा किया गया कि संभल से एक हजार से ज्यादा लोग पलायन कर गए हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले के कोटगर्वी, नखासा तिराहा और हिंदपुरा खेड़ा इलाकों में स्थित 300 से ज़्यादा घर पिछले साल हुई हिंसा के करीब तीन महीने बाद भी बंद हैं. इन घरों में 1000 से ज्यादा लोग रहते थे, जो भाग गए हैं.
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1000 घरों पर ताले लगे हैं और लोग बड़ी संख्या में पलायन कर गए हैं. हिंदुस्तान टाइम्स ने तीन और इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसे चार मोहल्लों का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया. एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में चौथे इलाके दीपा सराय को भी जोड़ा है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने इस पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए संभल के इन सभी इलाकों का दौरा किया. सबसे पहले हमने उन दोनों घरों को ढूंढ़ा जिनकी तस्वीरें इन अखबारों में छपी थीं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी तस्वीर में जो घर था, वह हमें शाही जामा मस्जिद से कुछ ही दूरी पर मिल गया. इस घर की मालकिन शहाना दरवाजे पर ही खड़ी मिलीं. हमने उनसे पूछा कि आपके घर की तस्वीर अखबार में छपी है क्या आपको जानकारी है? यह सुनकर शहाना हंसने लगीं. उन्होंने कहां, "हम लोग एक दिन के लिए शादी में गए थे. दूसरे दिन शाम को वापस आ गए. जब घर आए तो पड़ोसियों ने बताया कि आपके घर की तस्वीर छपी है और फिर हमने वीडियो भी देखा. हम कहीं नहीं गए थे. ये बिल्कुल गलत बात है."
यही नहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का सहारा लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा को घेरने की कोशिश की. उन्होंने लिखा कि संभल में इतना डर और जुल्म का माहौल बना दिया गया है कि लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. इसके बाद इस मामले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया.
हमने इन सभी इलाकों का दौरा किया और ये जानने की कोशिश की कि आखिर इन ख़बरों की सच्चाई क्या है.
देखिए पूरा वीडियो.
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