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प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है. सरकार ने 17 घंटे बाद मृतकों की संख्या को लेकर सूचना दी. मेला डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉफ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
उन्होंने कहा, “महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इनमें 25 की शिनाख्त हो चुकी है. कुल 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया था. बैरिकेडिंग टूटने की वजह से भगदड़ मची है.”
मालूम हो कि ये हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ. भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे.
वहीं, दैनिक भास्कर के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 40 को भी पार कर सकती है.
VIDEO | Maha Kumbh 2025: Addressing a press conference, DIG Kumbh Mela Vaibhav Krishna confirms 30 casualties in the stampede incident.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 29, 2025
"On the Mauni Amavasya Snan, between 1 and 2 am ahead of the Brahm Muhurta, huge crowd gathered on the Akhara route, because of which the… pic.twitter.com/rgauSELmhJ
विपक्ष ने उठाए हादसे पर सवाल
कई विपक्षी नेताओं ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया. वहीं यूपी सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह वीआईपी मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है. वीआईपी कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है. हज़ारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है. अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए, और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएँ न हों."
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा, "महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए. ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए.".
मुझे इस बात का अत्यंत दुख है कि महाकुंभ में हुए हादसे में हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है। श्रद्धालुओं के संयम और सहयोग से वहां जिस प्रकार पावन स्नान की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हुई, वो मेरे लिए बहुत संतोष की बात है। pic.twitter.com/pqngAxrrV3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 29, 2025
पीएम मोदी और सीएम योगी ने जताया दुख
हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. उन्होंने कहा, "मुझे इस बात का अत्यंत दुख है कि महाकुंभ में हुए हादसे में हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है. श्रद्धालुओं के संयम और सहयोग से वहां जिस प्रकार पावन स्नान की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हुई, वो मेरे लिए बहुत संतोष की बात है."
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस के बाद मीडिया से बात की और घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
पत्रकार से बदतमीजी
इसी बीच महाकुंभ में न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के पत्रकार से बदतमीजी की घटना सामने आई. आईएएनस की ओर से ट्विटर पर इस घटना का वीडियो जारी किया गया. जिसमें उन्होंने लिखा कि महाकुंभ में एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस के पत्रकार गौरव पांडे के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया जब वह एक अखाड़े से बाइट लेने की कोशिश कर रहे थे.
Prayagraj, UP: A police officer at MahaKumbh misbehaved with IANS journalist Gaurav Pandey while he was trying to take a byte from an Akhada pic.twitter.com/EoNzGKpZNL
— IANS (@ians_india) January 29, 2025
महाकुंभ में पहले भी हुई हैं भगदड़
यह पहली बार नहीं है कि जब कुंभ में भगदड़ से लोग मारे गए हों लेकिन भारी इंतजाम के दावों के बीच हुई इस घटना ने कम से कम सरकार के प्रबंधों की कलई तो खोली ही है.
आज़ादी के बाद साल 1954 में आयोजित हुए कुंभ में भगदड़ मचने से करीब 1 हजार लोगों की मौत हुई थी.
इसी तरह 10 फरवरी 2013 में भी प्रयाग में कुंभ लगा था. तब भी मौनी अमावस्या का दिन था. स्नान हो चुका था. लोग प्रयागराज स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. अचानक रेलवे ने प्लैटफॉर्म बदल दिया और भगदड़ मच गई. इस हादसे में करीब 36 लोग मारे गए थे.
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