भाजपा के आग्रह पर दिल्ली की रामलीला कमेटियों ने इस साल दशहरे पर कथित सनातन विरोधियों के पुतले दहन करने का फैसला लिया है. मालूम हो कि हिंदू धर्म में पारंपरिक तौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल दशहरे के दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं.
दिल्ली भाजपा ने हिंदुओं के इस धार्मिक आयोजन को अपने राजनैतिक विरोध का हथियार बनाने की नीयत से ऐसी अपील की है. हाल ही में संपन्न हुए जी-20 सम्मेलन और सनातन धर्म पर आई हालिया टिप्पणियों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक हो गया है. सवाल है कि क्या रामलीला कमेटियों को इस राजनीति का मोहरा बनना चाहिए? गौरतलब है कि भाजपा ने कई रामलीला कमेटियों को इसके लिए मना भी लिया है.
बीते 23 सितंबर को दिल्ली भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख प्रवीन शंकर कपूर ने दिल्ली धार्मिक महासंघ के अध्यक्ष धीरज धर सहित सभी रामलीला कमेटियों को एक पत्र लिखकर उनसे दो अनुरोध किए. जिसमें ‘सनातन विरोधियों’ का सांकेतिक पुतला दहन और रामलीला के मंच से उनकी निंदा का प्रस्ताव शामिल था.
उन्होंने पत्र में लिखा- “आदरणीय धीरज धर जी, आज देश के सामने हम सभी सनातनियों के साथ एक विशेष संकट खड़ा है- कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा सनातन धर्म की निंदा एवं सर्वनाश की कामना. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयानों के विरुद्ध पूरे देश में रोष है.
आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम लगातार सनातनियों के धर्म परिवर्तन करवाने की बात करते रहते हैं तो समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य का सनातन विरोध जग जाहिर है. एमके स्टालिन, अरविंद केजरीवाल एवं अखिलेश यादव चुप रहकर अपने सनातन धर्म विरोधी साथियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं.
आदरणीय धीरज धर जी, आपके माध्यम से मेरा दिल्ली की सभी रामलीला कमेटियों से अनुरोध है कि कल जब आप रामलीला का पूजन करें तो दशहरे के दिन श्री रामलीला ग्राउंड में तीन पारंपरिक पुतलों के साथ सनातन धर्म विरोधियों का पुतला जलाने का भी निर्णय लें. साथ ही दिल्ली की सभी श्री रामलीला कमेटियां जिन राजनेताओं को आमंत्रित करें उनसे धर्म विरोधियों की निंदा करने का भी अनुरोध करें."
इसके बाद दिल्ली भाजपा के नेताओं ने इसके पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया. 27 सितंबर को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक धार्मिक आयोजन में इस मांग को दोहराया.
उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “इस बार दशहरे पर रावण के पुतले के साथ एक और छोटा पुतला सनातन विरोधियों का जलाया जाएगा. दशहरे पर सनातन विरोधियों का पुतला दहन भी सभी रामलीलाओं में किया जाए. स्टालिन जैसे मू… को पता होना चाहिए कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी सनातनी एक हैं.”
एक अक्टूबर को दिल्ली के लाल किला मैदान में दिल्ली रामलीला महासंघ की बैठक हुई, जिसमें 250 से ज्यादा रामलीला कमेटियों के पदाधिकारी शामिल हुए. मीटिंग के दौरान सांकेतिक तौर पर सनातन विरोधी नाम से एक पुतला बनाया गया, जिसे जूतों की माला पहनाई गई. इसी मीटिंग में ये एलान किया गया कि दशहरे पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के साथ-साथ सनातन विरोधियों के पुतले का भी दहन किया जाएगा.
दिल्ली रामलीला महासंघ के अध्यक्ष और लवकुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने हमें बताया, “बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि सनातन विरोधी बयान देने वाले नेताओं का सांकेतिक पुतला दहन किया जाएगा. इस बार रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के साथ एक चौथा पुतला भी होगा जिस पर "सनातन विरोधी" लिखा होगा. हम मामले को ज्यादा राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते हैं इसलिए इस पुतले पर किसी नेता का फोटो या नाम नहीं लिखा होगा."
सनातन विरोधी कौन है? इस सवाल पर कुमार कहते हैं, “पूरे देश को पता है कि सनातन विरोधी कौन है और कौन सनातन के साथ है, हम किसी का नाम नहीं लेना चाह रहे हैं लेकिन यह बात सबको पता है कि कौन लगातार सनातन विरोधी बयान देता रहता है."
बैठक में शामिल रहे आरके पुरम रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि वे सनातन धर्म और उनकी मान्यताओं और प्रथाओं की तुलना डेंगू से करने वालों के पुतले जलाएंगे.
उन्होंने कहा, “हम एक पुतला बनाएंगे और स्टालिन और उन लोगों के नाम लिखेंगे जो हमारे धर्म के खिलाफ हैं और जलाएंगे.”
श्री धार्मिक लीला समिति के प्रबंधक रवि जैन ने कहा, “दशहरे के दौरान सामाजिक बुराइयों के पुतले जलाना हमारी परंपरा है. रामलीला सनातन धर्म का हिस्सा है, इसलिए इस साल हम इसका विरोध करने वालों के पुतले जलाएंगे.”
दिल्ली धार्मिक महासंघ के अध्यक्ष धीरज धर ने हमें बताया, "हम सनातन के विरोध में कुछ भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. लेकिन एक अक्टूबर को हुई बैठक के फैसले को ही अंतिम फैसला न माना जाए, आठ अक्टूबर को एक और बैठक होनी है जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा.”
बता दें कि पहले दिल्ली की सभी रामलीला कमेटियां एक ही संस्था ‘दिल्ली रामलीला महासंघ’ के अंतर्गत काम करती थीं. हाल ही में बीजेपी गुट की रामलीला कमेटियों ने एक अलग ‘दिल्ली धार्मिक महासंघ’ बनाया है. इसका नेतृत्व धीरज धर कर रहे हैं. धीरज धर भाजपा के समर्थक हैं.
कैसा होगा पुतला
बैठक में शामिल रहे नव श्री रामलीला कमेटी के जनरल सेक्रेटरी अनिल गर्ग ने हमें बताया कि सनातन विरोधियों का जो चौथा पुतला बनाया जाएगा उसका रूप रंग असुरों जैसा होगा. उसके बड़े-बड़े दांत होंगे और वह दिखने में बिल्कुल रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण की तरह होगा. जो हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगा वह हमारी नजर में असुर है."
वह आगे कहते हैं कि उदयनिधि स्टालिन के डेंगू मलेरिया वाले बयान पर इंडिया गठबंधन के किसी सदस्य ने खंडन नहीं किया है. इसका मतलब साफ है कि इंडिया गठबंधन की राजनीतिक पार्टियां तटस्थ होकर मौन सहमति दे रही हैं.
जी20 की थीम पर होगा मंचन
अनिल गर्ग ने हमें यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी20 के जरिए पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ी है. ऐसे में हम सबने यह फैसला लिया है कि इस बार रामलीला के मंचन में जी20 की सफलता के लिए एक घंटे का विशेष कार्यक्रम किया जाएगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि जी20 के लिए भाजपा की तरफ से कोई पत्र लिखा गया है. यह फैसला उन्होंने खुद ही लिया है.
वहीं बैठक में शामिल रहे रामलीला कमेटी के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा कि बैठक के दौरान भाजपा से जुड़े लोगों ने यह प्रस्ताव रखा था कि जिस चीज से देश का इतना नाम हो रहा है उसके बारे में हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम उसे जन-जन तक पहुंचाएं. इसीलिए जी-20 को भी सेलिब्रेट करने का फैसला लिया गया है.
भाजपा ने क्या कहा
रामलीला कमेटी को पत्र लिखने वाले भाजपा के दिल्ली प्रदेश के मीडिया विभाग के अध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "इसमें कोई राजनीति नहीं है बल्कि यह मसला धर्म का है. चाहे कोई किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हो लेकिन सब हैं तो सनातनी. भाजपा ने यह पहल जरूर की है लेकिन इसमें सभी पार्टी के लोगों का साथ है. हमारा मकसद किसी व्यक्ति को टारगेट करना नहीं बल्कि हमारे धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने वाले को जवाब देना है. हमने रामलीला कमेटियों से आग्रह किया था जिसको उन्होंने मान लिया है.”
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