बीते दिनों आपने दिल्ली के कई रंग देखे होंगे. दिल्ली में जी- 20 सम्मेलन चल रहा है. इसके चलते राजधानी को सजाया गया है. सजाने के क्रम में कई जगहों पर पर्दे लगा दिए गए हैं. कई झुग्गी-झोपड़ियों को ढक दिया गया है और कई इलाकों से कुत्ते उठा लिए गए हैं. ये सब इसीलिए ताकि विदेशी मेहमानों को भारत में सब अच्छा-अच्छा ही दिखे. इसी तरह फ्लाईओवर के नीचे रहने वाले और ट्रैफिक लाइटों पर मांग कर गुजर बसर करने वालों और बेघर मजूदरों को भी हटा दिया गया है.
जी-20 सम्मेलन के मद्देनज़र दिल्ली में सौंदर्यीकरण के नाम पर दिल्ली में क्या- क्या हो रहा है यही समझने के लिए हमने कुछ जगहों का दौरा किया. जानने की कोशिश की कि फ्लाईओवर के नीचे रहने वाले परिवारों को कहां रखा गया है. हमने पाया कि फ्लाईओवर के नीचे रहकर दिहाड़ी मजदूरी और मांगकर अपना पेट पालने वाले परिवारों को यहां से भगा दिया गया है.
ऐसे परिवार या तो कुछ दिन के लिए अपने गांव वापस चले गए हैं या फिर कहीं दिल्ली छोड़कर बाहर चले गए गए हैं. जबकि इनमें से कुछ परिवारों को रैन बसेरों में रखा गया है.
रैन बसेरों में रखे गए जाने वाले लोगों में से मोहम्मद रहमतुल्लाह भी एक हैं, जो पैर से दिव्यांग हैं. वह कहते हैं, “मैं फ्लाईओवर के नीचे रहता था, लेकिन पुलिस ने 2-4 दिनों के लिए जगह खाली करने को कहा है. मुझे नहीं पता पुलिस ने ऐसा क्यों कहा. अब मैं अपनी साइकिल पर ही रोड के बगल में सोता हूं.”
वहीं, आरके पुरम शेल्टर होम केयरटेकर चेतन कहते हैं, “हमने मुनिरका शेल्टर में 5-6 लोगों को शिफ्ट किया है. दो शेल्टर और हैं, वहां भी कुछ लोगों को रखा गया है. पुलिस वालों ने भी हमसे भिखारियों को शिफ्ट करने के लिए कहा है.”
इसी शेल्टर होम में रहने वालीं खुश्बू खातून कहती हैं, “हमारी जगहों पर फूल, पौधे लगा दिए गए हैं, तो हम कहां रहते. इसलिए शेल्टर में आ गए हैं.”
वहीं, मोहम्मद मुस्लिम कहते हैं, “हम लोग मांगकर गुजारा करने वाले हैं. फ्लाईओवर के नीचे रहते थे. लेकिन पुलिस वालों ने सबको लाठी मारना शुरू कर दिया इसलिए रैन बसेरा में आ गए हैं.”
केयरटेकर जय कुमार बताते हैं, “मैंने 5-6 परिवारों को आईआईटी और 1-2 लोगों को मुनिरका फ्लाईओवर के नीचे से शेल्टर होम में शिफ्ट किया है.”
वीडियो पर क्लिक कर देखिए पूरी रिपोर्ट-
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