Get all your news in one place.
100’s of premium titles.
One app.
Start reading
Newslaundry
Newslaundry
अवधेश कुमार

2 अक्टूबर विशेष: गांधी दर्शन या मोदी दर्शन?

कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है. 30 जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति के इस पोस्टर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर काफी बड़ी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर काफी छोटी है. वहीं, पोस्टर पर लिखा उद्धरण भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है. 

हालांकि, ऐसा यह एक मात्र उदाहरण नहीं है. हमने दिल्ली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े कुछ संस्थानों का दौरा किया. हमने पाया कि ऐसी तमाम तस्वीरें या जगहें हैं जहां गांधी जी के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी को बड़ा करने की कोशिश है. 

राजघाट जाते समय और उसके आसपास आपको पीएम मोदी की जी-20 वाली तस्वीरें दूर से दिखाई पड़ती हैं.  लेकिन पहले बात करते हैं गांधी दर्शन संग्रहालय की. जहां गेट पर ही पीएम मोदी का एक बड़ा का कटआउट लगा है. इसके साथ ही लिखा है- “पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा. मुझे गर्व है कि गांधी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए सवा सौ करोड़ भारतवासियों ने स्वच्छ भारत अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना दिया है.” 

- नरेंद्र मोदी.

संग्रहालय के ठीक सामने गांधी वाटिका है. इसका उद्घाटन जी-20 से पहले 4 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया गया है. छोटी सी जगह में बनी इस वाटिका में गांधी के कई बुत लगे हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि वाटिका के किसी भी कोने पर खड़े होकर गांधी दर्शन संग्रहालय के दरवाजे पर लगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सी तस्वीर को देखा जा सकता है. 

वाटिका में गांधी जी के कोट्स जगह-जगह पर अंकित हैं. इन सबके बीच एक कोट और है जो पीएम मोदी का है. ऐसे समझ नहीं आएगा लेकिन जब आप ध्यान से देखेंगे तो समझ आएगा कि एक कोट पर नीचे पीएम मोदी का नाम लिखा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सभी कोट्स और जिस पट पर ये कोट्स उकेरे गए हैं, वह एक जैसे हैं. 

पीएम मोदी के कोट्स में लिखा है- “भारत ने हमेशा समन्वय और एकता के मूल्यों, ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में विश्वास किया है, जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है…आइए हम एक ऐसा स्वर्ग समान स्वतंत्र विश्व बनाएं, जहां सहयोग हो, न कि विभाजन व दरार.” 

गांधी स्मृति, तीस जनवरी मार्ग

इसके बाद हम तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति पहुंचे. यहां पहुंचकर हमें पता चला कि वह वायरल पोस्टर भी यहीं का है, जो बीते दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में रही. 

यह पोस्टर आपको गांधी स्मृति के गेट नंबर एक से प्रवेश करने के बाद भाजपा नेता विजय गोयल के दफ्तर के सामने सड़क पार दिख जाएगी. इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकार गांधी के आकार से कई गुना बड़ा दिखाया गया है. 

इसके अलावा यहां पर गांधी से संबंधित किताबों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाली एक और किताब नजर आती है. जो प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति द्वारा लिखित ‘कलेक्टिव स्पिरिट, कंक्रीट एक्शन’ पुस्तक है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का दस्तावेजीकरण है. पूरे कैंपस में यह एक मात्र किताब है, जो महात्मा गांधी से संबंधित किताबों के बीच घिरी है.

चरखा संग्रहालय, कनॉट प्लेस

कनॉट प्लेस स्थित चरखा संग्रहालय के बाहर रोड किनारे ही खादी इंडिया का होर्डिंग लगा है. जिस पर चरखा संग्राहलय के खुलने और बंद होने का समय लिखा है. साथ टिकट का मूल्य और यह चरखे बिक्री हेतू कहां से मिलेंगे यह जानकारी दी गई है. वहीं सबसे ऊपर महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है. होर्डिंग में एक ओर गांधी तो दूसरी ओर मोदी चरखा कातते हुए दिख रहे हैं. 

खादी ग्रामोद्योग भवन, कनॉट प्लेस

खादी ग्रामोद्योग भवन में प्रवेश करते ही गांधी जी की एक बड़ी सी प्रतिमा नजर आती है. यह प्रतिमा गौर से देखने पर बाहर सड़क से भी दिख जाती है. प्रवेश करने के सीधे हाथ पर एक सेल्फी प्वाइंट बना है. इस सेल्फी प्वाइंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चरखा कातते हुए एक बड़ी सी तस्वीर लगी है. यहां लोग शॉपिंग करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ सेल्फी या अपने सहयोगियों से तस्वीर खिंचवाते देखे जा सकते हैं. 

मोदी की तस्वीर के ऊपर लिखा है ‘आई लव खादी’ यह अंग्रेजी में लिखा है और लव की जगह दिल की आकृति बनी है. सेल्फी प्वाइंट के ठीक ऊपर एक और तस्वीर है जिसमें महात्मा गांधी और पीएम मोदी साथ साथ हैं. दोनों ही चरखा कात रहे हैं.

इसके अलावा इस भवन में कई अन्य तस्वीरें भी लगी हैं जिसमें एक तरफ गांधी हैं और दूसरी ओर पीएम मोदी. भवन के तीसरे फ्लोर पर भी एक होर्डिंग लगा है. जिस पर एक तरफ महात्मा गांधी और दूसरी तरफ पीएम मोदी हैं. दोनों के कोट्स भी लिखे हैं. 

महात्मा गांधी का कोट- “कुटीर तथा (ये) दूसरे कुटीर- उद्योग, हमारे गावों की आर्थिक बेहतरी के लिए इतने जरूरी हैं, जितने कि शरीर के लिए प्राण”

वहीं पीएम मोदी के हवाले से लिखा गया है- “आपके परिवार में, अनेक प्रकार के वस्त्र होंगे, अनेक प्रकार के फैब्रिक्स होंगे, अनेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स होंगे, क्या उसमें एक खादी का नहीं हो सकता है?”

इन स्थानों का दौरा करने के बाद हमने गांधी स्मारक निधि राजघाट दिल्ली के अध्यक्ष रामचंद्र राही से बात की. वे कहते है, “गांधी समृति, गांधी दर्शन में मोदी जी की तस्वीर का क्या मतलब है. फिर नाम बदल दीजिए, मोदी स्मृति मोदी दर्शन बना दीजिए. अंतिम जन गांधी दर्शन समिति की एक पत्रिका है, उसमें सावरकर का विशेषांक निकाला जा रहा है. ये गांधी के नाम पर बनी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. अब आरएसएस की सभा होगी तो सुरक्षा कारणों से गांधी समाधि बंद कर दी जाती है. इस तरह की हरकतें अनैतिक और अवैधानिक हैं."

गांधीवादी चिंतक, लेखक और गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत कहते हैं, "इससे पहले का कोई भी प्रधानमंत्री प्रचार का इतना भूखा नहीं था, कोई भी अपने को गांधी के बराबर खड़ा करने की कोशिश में नहीं था. ये पहली बार है जब गैर कांग्रेस की संस्कृति से निकला हुआ आदमी देश का प्रधानमंत्री है, इसलिए वो एक अलग तरह का व्यवहार करते हैं. उनको लगता है कि गांधी को साथ-साथ जोड़कर रखने पर उनकी प्रासंगिकता मजबूत होती है. इसलिए वो अपने आप को गांधी जी के समकक्ष में दिखाने की कोशिश करते हैं."

देखिए ये वीडियो रिपोर्ट- 

Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.

Sign up to read this article
Read news from 100’s of titles, curated specifically for you.
Already a member? Sign in here
Related Stories
Top stories on inkl right now
One subscription that gives you access to news from hundreds of sites
Already a member? Sign in here
Our Picks
Fourteen days free
Download the app
One app. One membership.
100+ trusted global sources.