देश का ‘यूपीएससी हब’ कहे जाने वाले मुखर्जी नगर में एक बार फिर छात्रों की सुरक्षा से समझौता हुआ है. 27 सितंबर को शाम करीब 7:00 बजे मुखर्जी नगर के एन ब्लॉक में स्थित स्टूडेंट चॉइस नामक पीजी में आग लग गई. चार मंजिला इमारत में बनी इस पीजी के भूतल (ग्राउंड फ्लोर) पर आग लगी थी लेकिन उसकी लपटें चौथी मंजिल तक जा रही थीं.
मौके पर मौजूद दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारी एम.के. चट्टोपाध्याय ने बताया कि चार मंजिला इमारत में कोई आपातकालीन द्वार नहीं था और ना ही कोई वैकल्पिक सीढ़ी थी. इसीलिए छात्राओं को छत पर सीढ़ी लगाकर बगल के मकान के जरिए सुरक्षित बाहर निकाला गया.
उन्होंने कहा कि आग की लपटें ज्यादा थी इसलिए धुएं की वजह से करीब छह छात्रों की दम घुटने के कारण तबीयत खराब हो गई, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं, पीजी में रहने वाली छात्राओं का कहना है कि पीजी में क्षमता से अधिक छात्राओं को रखा गया है. एक कमरे में लकड़ी के कंपार्टमेंट बनाकर तीन छात्राओं को रखा गया है. जिसकी वजह से आग बढ़ती चली गई क्योंकि कमरे में सब कुछ लकड़ी का बना हुआ था. इसके अलावा पीजी के ग्राउंड फ्लोर पर एक पिछला दरवाजा है लेकिन आग लगने के कारण वहां से भी निकलना संभव नहीं हो रहा था.
बता दें कि मुखर्जी नगर का एन ब्लॉक एक आवासीय परिसर है. जिसका इस्तेमाल व्यावसायिक काम में नहीं लिया जा सकता. इसके बावजूद वहां पर व्यावसायिक पीजी चल रहा था.
मालूम हो कि जून महीने में ही इसी मुखर्जी नगर के संस्कृति आईएएस कोचिंग सेंटर में बड़े पैमाने पर आग लगी थी. जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. उसके बाद प्रशासन ने कई तरह की सख्ती बरती लेकिन वह सब बेअसर दिख रहा है.
रात के करीब 10:00 बजे तक आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया था और सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. लेकिन कुछ ऐसी लापरवाहियां हैं जिनकी वजह से लगातार छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है. न्यूजलॉन्ड्री इन्हीं लापरवाहियों की पड़ताल करती है. देखिए हमारी यह रिपोर्ट-
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