Get all your news in one place.
100’s of premium titles.
One app.
Start reading
Newslaundry
Newslaundry
निकिता सिंह

आया राम गया राम, भाग 12: चौथे चरण में 50 पाला बदलने वाले उम्मीदवार; 54% एनडीए में

इस चरण में पाला बदलने वालों की बाढ़ आई हुई है. 13 मई को 96 लोकसभा सीटों पर हुए चौथे चरण के मतदान में रिकार्ड 50 पाला बदलने वाले उम्मीदवार शामिल थे. इनमें से 27 (54%) भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए में हैं. 

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है. तेलंगाना की 17 सीटों पर एनडीए ने 11 दलबदलू उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, उन्होंने आंध्र प्रदेश की 25 सीटों पर 8 दलबदलू उम्मीदवारों उतारा है. 

इसके अलावा 13 दलबदलू उम्मीदवार कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने भी उतारे हैं. इनमें से 5 वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और 4 उम्मीदवार के. चंद्रशेखर राव की बीआरएस से मैदान में हैं. 

सबसे ज्यादा आंध्र और तेलंगाना में, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कोई भी भाजपा का उम्मीदवार नहीं. 

गौरतलब है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में क्रमशः 20 और 13 दलबदलू उम्मीदवार हैं. महाराष्ट्र में 7 उम्मीदवार हैं. महाराष्ट्र के मावल और तेलंगाना के मलकागिरि, वारंगल और चेवेल्ला में एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के दलबदलू उम्मीदवारों के बीच लड़ाई है. 

तेलंगाना को भाजपा के लिए दक्षिण का दरवाजा माना जा रहा है. 2019 में यहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी. भाजपा ने केवल 6 पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है. राज्य में 17 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 11 पाला बदलने वाले उम्मीदवार खड़े किए हैं. इनमें से 7 बीआरएस और 4 कांग्रेस से आए हैं. 

तेलंगाना में इंडिया गठबंधन के 5 पाला बदलने वाले उम्मीदवार हैं. ये सभी चुनाव के कुछ हफ्ते पहले बीआरएस से कांग्रेस में गए हैं. वहीं बीआरएस के भी 4 उम्मीदवार दलबदलू हैं. इनमें से दो लोकसभा चुनाव के ऐन पहले पार्टी में आ गए. 

आंध्र प्रदेश में भाजपा का चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी से गठबंधन है. एनडीए के 8 दलबदलू उम्मीदवारों में से 5 वाइएसआरसीपी से आए हैं. गौरतलब है कि टी. कृष्णा प्रसाद को भाजपा ने टिकट देने से मना कर दिया था. लेकिन अब वे टीडीपी से एनडीए के उम्मीदवार हैं. 

आंध्र प्रदेश में एनडीए के 8 उम्मीदवारों में से 6 ने इस साल चुनाव होने के हफ्तों य महीनों पहले ही पाला बदला. जबकि, वाइएसआरसीपी के पांच दलबदलू उम्मीदवारों में से 4 ने इसी साल पाला बदला. आंध्र प्रदेश में इंडिया गठबंधन का कोई दलबदलू उम्मीदवार नहीं है. 

दक्षिण भारत के राज्यों के विपरीत, चौथे चरण में भाजपा ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में एक भी दलबदलू उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. हालांकि, इंडिया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश से 4 पाला बदलने वाले उम्मीदवार खड़े किए हैं. इनमें से दो भाजपा से और दो बसपा से कांग्रेस में गए. 

मध्य प्रदेश से, हालांकि, इंडिया गठबंधन ने कोई भी दलबदलू उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है. इंडिया गठबंधन के इंदौर प्रत्याशी अक्षय बम ने ऐन चुनाव के पहले अपना नामांकन वापस ले लिया था और भाजपा में चले गए थे. 

जबकि, महाराष्ट्र में एनडीए ने चार दलबदलू उम्मीदवार खड़े किये हैं. वहीं, महाविकास अघाड़ी ने भी दो पाला बदलने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया है. ये सभी एनसीपी और शिवसेना धड़े में हैं.

उड़ीसा की चार सीटों पर भाजपा ने 3 पाला बदलने वाले उम्मीदवार खड़े किए हैं. तीनों ही नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद से भाजपा में आए हैं. इंडिया गठबंधन ने राज्य में कोई भी दलबदलू उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है. वहीं बीजद ने उड़ीसा भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष भृगु बक्षीपात्र को बेरहमपुर से टिकट दिया है. 

उड़ीसा: एक हॉट सीट, बीजद के खास और आम दोनों नेता भाजपा में

प्रदीप कुमार पाणिग्रही पर 9 मामले चल रहे हैं; इनमें से 2 मामले पीएमएलए अधिनियम के तहत हैं.    

उड़ीसा के बेरहमपुर से भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप कुमार पाणिग्रही पूर्व में बीजद के मंत्री रह चुके हैं. उनपर पीएमएलए अधिनियम के तहत दो मुकदमों समेत कुल 9 मुकदमे चल रहे हैं.  उनपर भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम और सूचना-प्रसारण अधिनियम के तहत भी मुकदमे लंबित हैं. 

60 वर्षीय प्रदीप पर पिछले साल अगस्त और नवंबर पर आरोप तय हुए थे. उनपर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षडयंत्र के आरोप हैं. पेशे से वकील और विधिक सलाहकार पाणिग्रही अबतक किसी भी मामले में अभियुक्त नहीं हैं. 

वे गोपालपुर विधानसभा से 3 बार विधायक रह चुके हैं. उन्हें 2020 में पार्टी से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाला गया था. इसके बाद उन्हें टाटा कंपनी में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर किसी शख्स के नाम पर रुपये ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 

महीनों से प्रधानमंत्री मोदी के गुणगान और अंदेशों के बीच इस साल फरवरी में पाणिग्रही ने भाजपा का दामन थाम लिया. हास्यास्पद रूप से, पार्टी से निकाले जाने के बावजूद पाणिग्रही एक साल पहले तक पटनायक की भी तारीफों के पुल बांध रहे थे. लेकिन अब वे राज्य की उपेक्षा करने के लिए उड़ीसा के मुख्यमंत्री पर तीखे हमले कर रहे हैं.

पाणिग्रही ने जैव विविधता संरक्षण में पीएचडी की हुई है. उनकी कुल संपत्ति 75 लाख रुपयों की है और देनदारी 3.40 करोड़ रुपये की है. वहीं उनकी पत्नी की संपत्ति 2.5 करोड़ रुपये की है. 

बीजद में जाने के 4 दिन पहले तक बक्षीपात्रा ने नवीन पटनायक के शासन शैली पर सवाल उठाया था. 

पाणिग्रही के खिलाफ बीजद के उम्मीदवार 46 वर्षीय भृगु बक्षीपात्रा हैं. वे भाजपा के राज्य संगठन के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने पाणिग्रही की उम्मीदवारी के विरोध में 29 मार्च को पार्टी छोड़ दी थी. उसके 4 दिन बाद ही उन्होंने बीजद पर लोगों को गुमराह करने और ग्रामीण आवास योजना के गलत आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया. उन्होंने नवीन पटनायक की शासन प्रणाली की भी आलोचना की थी. हालांकि, अब उनके सोशल मीडिया पोस्ट उड़ीसा के मुख्यमंत्री की तस्वीरों, उनकी प्रशंसा और राज्य सरकार की योजनाओं और नवीन पटनायक सरकार को वोट देने की अपील से अंटी पड़ी हैं. 

हालांकि, बक्षीपात्रा सावधानीपूर्वक प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं कर रहे हैं. भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि उड़ीसा की पार्टी इकाई “प्रधानमंत्री मोदी के पदचिह्नों पर नहीं चल” रही है. मार्च अंत तक उनकी एक्स पोस्टों पर लगी हुई प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें अभी भी मौजूद हैं. 

बक्षीपात्रा भी पेशे से वकील हैं. उनपर आपराधिक बल, बूथ में घुसने, प्रदर्शन और भ्रष्टाचार के  7 मुकदमे दर्ज हैं. अप्रैल 2024 में उनकी संपत्ति 1 करोड़ रुपये है. यह 2014 से 1 करोड़ रुपये कम है. 

कालाहांडी शाही परिवार के सदस्य 9 बार लोकसभा में चुने गए हैं. 

मालविका केशरी देव उड़ीसा के कालाहांडी से भाजपा की प्रत्याशी हैं. 43 वर्षीय मालविका राजनीति में नई हैं. हालांकि, उनके पति अर्क केशरी देव कालाहांडी सीट से 2014 में बीजद की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. उनके दिवंगत ससुर बिक्रम केशरी देव भी इस सीट से भाजपा की टिकट पर 3 बार सांसद बन चुके हैं. 

गौरतलब है कि कालाहांडी राजघराने के सदस्य 9 बार लोकसभा जा चुके हैं. 

देव और उनके पति दोनों 2013 में बीजद में शामिल हुए थे और अगले 6 साल तक पार्टी में बने रहे. 2019 में लोकसभा चुनावों में टिकट दिए जाने से मना करने पर उन्होंने बीजद छोड़ दिया था. पिछले साल युगल यह कहकर भाजपा में शामिल हुआ कि  वे “मोदी की कार्यशैली से प्रेरित हैं”. 

देव ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य प्रबंधन और मनोविज्ञान की पढ़ाई की है. हलफनामे  में उन्होंने अपना पेशा किसानी बताया है. उनपर कोि भी आपराधिक मामले नहीं चल रहे हैं. 32 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत के सोने के जेवरात समेत उनकी कुल संपत्ति 65 लाख रुपये है. 

उनके पति की कुल संपत्ति 2014 में 6 करोड़ रुपये थी जो अप्रैल 2024 में आश्चर्यजनक रूप से बढ़कर 41 करोड़ रुपये की हो गई. इसमें 40 करोड़ की जायदाद भी है. 

लोकसेवक के काम करने में अड़चन डालने के लिए मांझी पर आपराधिक षणयंत्र के दो मुकदमे लंबित हैं.

बलभद्र मांझी उड़ीसा की अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट नबरंगपुर से भाजपा के उम्मीदवार हैं. वे भारतीय रेलवे में इंजीनियर रह चुके हैं. 63 वर्षीय मांझी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2014 में बीजद के साथ की थी. 2014 में, वे नबरंगपुर से लोकसभा चुनाव जीत गए थे. 

एनआईटी राऊरकेला से स्नातक मांझी, बीजद द्वारा टिकट नहीं देने पर नाराज होकर मार्च 2019 में भाजपा में चले गए थे. हालांकि, इस बार बीजद के रमेश चंद्र मांझी से मांझी नबरंगपुर सीट से चुनाव हार गए थे. 

मांझी पर लोकसेवक के काम करने में अड़चन डालने के लिए आपराधिक षणयंत्र के दो मुकदमे लंबित हैं. अपने हलफनामे में उन्होंने समाज सेवा को अपना पेशा बताया है और पिछले वित्त वर्ष में अपनी आय 17 लाख रुपये बताई है. गौरतलब है कि 4.55 करोड़ की जायदाद समेत उनकी कुल संपत्ति 5 करोड़ से अधिक है. यह 2014 में दिए संपत्ति  के ब्यौरे जितनी ही है. 

शोध सहयोग - श्रद्धा टीएस 

अनुवाद- अनुपम तिवारी

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

इस श्रृंखला के अन्य भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.

Sign up to read this article
Read news from 100’s of titles, curated specifically for you.
Already a member? Sign in here
Related Stories
Top stories on inkl right now
One subscription that gives you access to news from hundreds of sites
Already a member? Sign in here
Our Picks
Fourteen days free
Download the app
One app. One membership.
100+ trusted global sources.