असम के मुख्यमंत्री के परिवार की स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सरकारी सब्सिडी स्वीकृत की गई है. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत कंपनी को ये सब्सिडी असम के नगांव जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरूआत करने के लिए स्वीकृत हुई.
यह योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आती है. जिसका मकसद कृषि उपज की बर्बादी को कम करना है. असम की न्यूज़ वेबसाइट द क्रॉस करेंट में 10 सितंबर को प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 10 नवंबर 2022 को सरकारी सब्सिडी दी गई थी. 25.88 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट के लिए कंपनी को यह सब्सिडी स्वीकृत हुई.
प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का स्वामित्व मुख्य रूप से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के परिवार के पास है. उनकी पत्नी रिंकी भूयां सरमा, माता मृणाली देवी, पुत्र नंदिल बिस्व सरमा और बेटी सुकन्या सरमा की भी कंपनी में हिस्सेदारी है. यह पूर्वोत्तर का ‘सबसे बड़ा मीडिया हाउस’ है. कंपनी के पास दो न्यूज़ चैनल, एक समाचार पत्र, एक डिजिटल न्यूज़ पोर्टल और कम से कम तीन एंटरटेनमेंट चैनल हैं. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय को दी गई सूचना के मुताबिक, कंपनी ने सिल्क प्रोडक्शन और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी अपना विस्तार किया है.
मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया कि उनकी पत्नी को केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी तरह का आर्थिक सहयोग नहीं मिला है और न ही उस कंपनी को जिससे उनकी पत्नी जुड़ी हुई हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को इस मामले पर कुछ सवाल भेजे हैं. अगर उनका कोई जवाब आता है तो उसे इस ख़बर में शामिल किया जाएगा.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल 4 फरवरी को प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट ने प्रस्तावित खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र के लिए नगांव के कलियाबोर सर्कल के दारी गोजी गांव में लगभग 50 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया था. कंपनी ने 12 बीघा एवं 4 लेचा जमीन हेमचंद्र बोरा, जतिन चंद्र बोरा, देबेन चंद्र बोरा और तारिणी बोरा से खरीदी. इसके अलावा 2 कट्ठा ज़मीन अनिल विश्वास से खरीदी.
ख़रीदारी के वक्त सभी प्लॉट कृषि योग्य भूमि के रूप में श्रेणीबद्ध किए गए थे लेकिन असम राजस्व वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, 18 अप्रैल 2023 को इस भूमि को उद्योग योग्य भूमि में परिवर्तित कर दिया गया. हालांकि, अनिल विश्वास से खरीदी गई 2 कट्ठा जमीन को अभी भी कृषि योग्य भूमि की श्रेणी में रखा गया है.
द क्रास करेंट में ख़बर प्रकाशित होने के बाद राज्य में सनसनी मच गई. असम विधानसभा के सदस्य अखिल गोगोई ने 12 सितंबर से जारी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाया और सीएम हिमंता से जवाब मांगा. असम प्रदेश कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री से जवाब मांगा. कांग्रेस ने हिमंता पर आरोप लगाया कि सीएम राज्य के लोगों के लिए काम करने के बजाए अपनी पत्नी और परिवार के लिए काम कर रहे हैं.
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नोट: 19 सितंबर, 2023 को ख़बर में अपडेट किया गया है कि सब्सिडी स्वीकृत हुई है. ख़बर के शीर्षक में भी तदानुसार बदलाव किया गया है.
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