एक और चुनावी शो में के लए हम बिहार के पटना पहुंचे. यहां पटना विश्वविद्यालय के छात्रों और इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार और स्वतंत्र लेखक संतोष सिंह भी हमारे शो में शामिल हुए. हमने इन सभी से बिहार की सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों के इर्द-गिर्द लंबी बातचीत की.
वरिष्ठ पत्रकार संतोष, बिहार के वर्तमान चुनावी माहौल पर कहते हैं कि पिछले चुनावों की तरह मोदी फैक्टर इस बार बाकी मुद्दों पर हावी नहीं होने वाला है. हालांकि मोदी फैक्टर खत्म भी नहीं हुआ है पर यह खुलकर सामने नहीं है. इसके अलावा वे दो अन्य मुद्दे -लाभार्थी योजना और यूथ फैक्टर को भी इस बार के चुनाव पर असर डालता हुआ देखा जा सकता है. वे राम मंदिर और अन्य किसी भावनात्मक कारक को चुनाव पर बहुत खास असर डालता हुआ नहीं पाते हैं. जाति जनगणना का महत्व और उसका चुनावों पर असर होने पर सभी समर्थन करते हैं.
छात्रों ने बेरोजगारी और बेहतर अवसरों की तलाश में पलायन के मुद्दे पर बात की. उनके लिए रोजगार एक बड़ा मसला है. हालांकि, सभी एक स्वर में तेजस्वी द्वारा तीन लाख नौकरियां देने का स्वागत करते दिखे. इसके अलावा बिहार में चरमराई शिक्षा व्यवस्था के कारण छात्रों की बदहाली, किसी तरह के कैंपस प्लेसमेंट नहीं होने, पिछड़े-दलित छात्रों के साथ भेदभाव और शिक्षा व्यवस्था के अंदर संस्थानिक तौर पर उन्हें अवसर उपलब्ध न कराए जाने के मुद्दे पर छात्रों ने अपनी बात रखी.
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