ओडिशा में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद भुवनेश्वर में स्थित सचिवालय लोक सेवा भवन के दरवाजे पत्रकारों के लिए खुल गए हैं. चार साल पहले, नवीन पटनायक सरकार ने सचिवालय में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. भाजपा सरकार ने यह वादा किया था कि सत्ता में आने पर यह रोक हटा देंगे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 में बीजद सरकार द्वारा कोविड प्रोटोकॉल के तहत पत्रकारों के सचिवालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. हालांकि, दो साल बाद यह रोक हटाई तो गई थी पर केवल आंशिक रूप से. इसके बाद सिर्फ कुछ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही प्रवेश मिलता रहा. अधिकांश पत्रकार ऐसे थे जिन्हें मान्यता नहीं प्राप्त थी, जिसकी वजह से वे सचिवालय में नहीं जा सकते थे. रोक हटाने के लिए विपक्ष और पत्रकारों की तरफ से कई बार मांग की गई थी.
रिपोर्ट में पत्रकार रामचांदी राणासिंह ने बीजद सरकार द्वारा लगाई गई रोक को कठोर बताया. उन्होंने कहा, “चौथे खंबे को सरकार चारों तरफ लक्ष्मण रेखा खिंचनी होती है. लेकिन यहां सरकार ने चौथे खंबे की आजादी कम करके उसके चारों तरफ लक्ष्मण रेखा खींच दी. मुझे इस बात की खुशी है कि भाजपा अपने वादे पर कायम रही.”
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